A Great Answer to Rahat Indori By An Indian

A Great Answer to Rahat Indori By An Indian

अरे देश की संम्पत्ति जलाने वालों, नही शामिल है तुम्हारा खून इस मिट्टी में, ये तुम्हारे बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है ।।

राहत इंदौरी ने लिखा था :-

“सभी का खून है शामिल यहाँ की मिट्टी में किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है ।।”
राहत इंदौरी का यह शेर इन दिनों खूब लिखा, बोला जा रहा है, तो इसके जवाब में नवनीत हिंदुस्तानी जी ने लिखा है . जवाब भी पढिये,
“ख़फ़ा होते हैं हो जाने दो, घर के मेहमान थोड़ी हैं, जहाँ भर से लताड़े जा चुके हैं, इनका मान थोड़ी है। ये कान्हा राम की धरती, प्यार से रहना है तो रहो ,, मेरा वतन ये मेरी माँ है, लूट का सामान थोड़ी है। मेरे पुरखों ने सींचा है लहू के कतरे कतरे से.. बहुत बांटा मगर अब बस, ख़ैरात थोड़ी है। जो रहजन थे उन्हें हाकिम बना कर उम्र भर पूजा..मगर अब हम भी सच्चाई से अनजान थोड़ी हैं। बहुत लूटा फिरंगी ने कभी बाबर के पूतों ने ..ये मेरा घर है मेरी ज़ान, मुफ्त की सराय थोड़ी है। बिरले मिलते है सच्चे मुसलमान दुनिया में,. हर कोई अब्दुल, हमीद और कलाम थोड़ी है । कुछ तो अपने भी शामिल है वतन तोड़ने में.. अब ये कन्हैया और रविश मुसलमान थोड़ी है । अरे देश की संम्पत्ति जलाने वालों, नही शामिल है तुम्हारा खून इस मिट्टी में, ये तुम्हारे बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है ।।

किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है राहत इंदौरी